अकेले हैं... तो क्या ग़म है?

आज के टेक्नोलॉजी वाले दौर में अकेलापन एक समान्य सी बात हो गयी है। कहीं कोई अपना दुनिया में व्यस्त है तो लोगों का साथ नहीं दे पा रहा है, वहीं कई लोगों ने ये अकेला पन खुद चुन लिया है। वो बाहरी दुनिया में व्यस्त होना ही नहीं चाहते। लेकिन सच तो ये हैं सोशल मीडिया पर निर्भर आज का युवक अकेला रहना ही पसंद करता है। क्योंकि व्यस्त जिंदगी में समय की उपलब्धता एक सपना मात्र बन गया है।
अगर आपके साथ समय बिताने और आपके संग काम करने के लिए कोई दोस्त नहीं हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप मज़ेदार नहीं हो सकते। अकेले रहने का आनंद लेने के बहुत सारे तरीके हैं। बहुत सी चीजें तलाशने और नई चीजें करने के लिए आपके पास कई सारे विकल्पों की भरमार है।
ये याद रखना बेहद ज़रूरी है कि यदि आप अकेले हैं, तो आप स्वतंत्र हैं। अकेला होना शर्मनाक नहीं है - यह मुक्त भावना हो सकती है। आपके जीवन में आने वाले सभी रिश्तों के साथ, शायद अकेले समय निकालना असंभव लगता है - लेकिन कुछ के लिए जगह बनाना महत्वपूर्ण है। खुद के साथ समय बिताना आपके लिए अच्छा है। जब आप कुछ रचनात्मक या कलात्मक कर रहे होते हैं, तो आप अपनी गति से जा सकते हैं, सोच सकते हैं और स्वयं प्रतिबिंबित कर सकते हैं, अपने बारे में नई चीजों की खोज कर सकते हैं और अपने आत्मसम्मान में सुधार कर सकते हैं। जिसने इन बातों पर विश्वास करते हुए जीवन जीना सीख लिया। बस उसका ही जीवन सार्थक है।
-इक़रा असद
#alone #broken #brokenbutstrong #braveperspective #life #livelifeonyourterms #magicwithinyou #taughlife #positiveaspect #respectyourself #behappy #bestrong #soreadpositivity