आम इंसान!
Updated: Sep 14, 2021

एक विद्यार्थी के टूटे-फूटे शब्द हैं, और उन्हीं में उसकी भावनाएं हैं जो कि वह इस दुनिया के हर एक शिक्षक को समर्पित करना चाहतयही है।
वैसे दिखने में यह आम इंसान हैं,
पर सच मानो मेरे लिए यह भगवान है।
जब मुझे मेरी माँ ने रोते हुए छोड़ा था।
तब इन्होंने ही तो मेरा हाथ थामा था।
वैसे दिखने में यह आम इंसान हैं,
पर सच मानो मेरे लिए ज्ञान का भंडार है।
जब मुझे समझ ना आए कोई प्रश्न, तब इनके पास प्रश्न समझाने से लेकर उसका उत्तर भी होता है।
वैसे तो देखने में यह आम इंसान हैं,
पर सच मानो तो मेरे लिए मेरी पहली क्रश थीं,
जब बचपन में मेरे दिल में आया था काश! "पूरा दिन सारे सब्जेक्ट आप ही पढ़ाएं और मैं सिर्फ आपको सुनती रहूं।
खैर! यह सब जिंदगी में तब तक था जब तक जिंदगी में डर नहीं था, क्योंकि इसके बाद जिंदगी में मैडम की जगह सर आए थे।
मेरे सबसे बड़े खौफ आप थे,
जब मैं अपने पापा से ज्यादा आप से डरती थी।
मेरे सबसे बड़े दुश्मन आप थे
जब मेरे दिल में आया था कि "सर कभी स्कूल के बाहर मिलो।"
मैंने मेहनत करना भी आप से सीखा था,
जब मैंने आपको कॉलेज में ८ घंटे के बाद कोचिंग में भी ६ घंटे पढ़ाते देखा था,
मैंने दूसरों की गलतियां माफ करना भी आप से ही सीखा था,
जब आपने मेरा लेक्चर के बीच में मोबाइल चलाना नजरअंदाज किया था।
जब एक लेडीस टीचर को पीछे बैठा कर, घर लाकर शिकायत करने वाले भी आप थे