काश तुम मेरे होते।

कल शाम जब कच्ची पक्की नींदों से आंखे खुली तो
तुम्हारी बहुत याद आ रही थी
ऐसा लग रहा था जैसे तुम कहीं करीब ही हो ।।
अनमने मन्न से दरवाजा खोली तो
आसमान बादलों से भरा दिखाई दिया
ठंडी ठंडी हवाएं दिल को ऐसे लुभा रही थीं
मानो कह रही हो देखो शामें कितनी हसीन है।
फिज़ाओं में तुम्हारी खुश्बू सी महसूस हो रही थी
आसमान को देखते देखते मै कहीं खो सी गई थी
के अचानक एक जानी पहचानी हवा के झोंके ने
मुझे छू कर फिर से जैसे नींदों से जागा दिया।
और अगले ही पल मुझे अन्दर तक तोड़ती हुई दूर चल
पड़ी किसी गैर को छूने।।
मै हवा के उस ज़ालिम झोंकों के पीछे भागना चाहती थी के कैद करलु तुम्हारी खुश्बू को
पर मै फिर देर करदी हमेशा की तरह।।
हवाओं के झोंको से आती हुई तुम्हारी खुशबू से
सारी फिजाएं महक उठी ।।
तुम्हारा एहसास पाकर दिल ने
यादों के पन्ने पलटने शुरू कर दिए
और एक पन्ना पे आकर यादें थम सी गई
जहां दूर कोने में सुनहरे अल्फ़ाज़ में लिखा था
"तुम"
तुम को छूते ही तुम्हारा चेहरा दिलो दिमाग में छा गया।
बीते दिनों की यादें एहसास में उतरने लगे।
शाम ढल रही थी सूरज बादलों में छुपने लगा था। सूरज से उभरती हुई रेशमी किरणें ऐसे लग रहे थे जैसे बाहें फैलाए तुम मेरा इंतज़ार कर रहे हो।।
और फिर अगले ही पल
सब कुछ धुंधला सा पड़ गया