ज़िन्दगी पुकारती है

तुम किससे भाग रहे हो,
अपनी ज़िन्दगी से, इन परेशानियों से, या उस अंधेरी रात से जिस रात तुम टूट कर रोए थे। शाम की तन्हाइयों से, दिन के उजाले से, हार से, या खुद से। किससे?
नहीं तुम भाग नहीं सकते। तुम्हे उठना है, दौड़ना है, उड़ना है इन हसीन फिज़ाओं में।
बस रुकना नहीं है।
यकीनन ज़िंदगी बहुत खूबसूरत है, हमारे खयालों से भी ज़्यादा, बस हम ही ज़िन्दगी के हमेशा दूसरे पहलू को देखते हैं, ज़िन्दगी को एक मौका देकर देखो सच मानो ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत है।
ये हवाएं, ये बारिशैं, ये बदलते हुए मौसम हमें जीने की एक वजह देती हैं।
ये गुजरता हुआ वक़्त ऐसा लगता है मानो कह रहा हो जी लो एक दिन और ।
तो क्या हुआ तुम्हे वो सब कुछ ना मिला जो तुम चाहते थे तो भूल जाओगे खुद को? देखो
चाहत ज़िन्दगी के फैसलों से नहीं लड़ सकती, किसी को खोना पड़ता है। किसी का होना पड़ता है।
जैसे हर रात के बाद एक हसीन सुबह आती है,
वैसे ही हर ग़म के बाद खुशियां भी आएंगी।
कभी ज़िन्दगी में ऐसा मोड़ आए जब तुम्हे लगे कि तुम कुछ नहीं कर सकते ,जब तुम्हे कदम कदम पे परेशानियों का सामना करना पड़े,जब तुम्हे लगे कि तुम हार चुके हो तो रुको मत,
उठो, भागो और छीन लो जो सिर्फ तुम्हारा है।
क्योंकि,
ज़िन्दगी पुकारती है एक रोज़ और जीने को।।
-वफ़ा
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