तुम्ही को आँखों का काजल बना लिया है!

कि तुम्हारी झलक ने मंज़र बदल दिया है
यूँ तो आशिक है हज़ार पर
तुम्ही को आँखों का काजल बना लिया है
यूँ जब ज़ुलफ संवारते हो
सच बताऊँ साँस सी रुक जाती है
वो जब गर्दन झुका के मुस्कुराते हो
सारी कायनात यूँ थम सी जाति है
जीवन में हज़ारों खुशियाँ भी मिल जाएँ
तब भी तुम्हारे हसीन चेहरे सी शांति नहीं है
सारी जन्नत भी नीचे आजाए
तब भी तुमसे खूबसूरत कोई शख्स नहीं है
यूँ तो लोग इश्क़ में जान दिया करते है
बस तुम साथ रह कर दिखाओ
तुम्ही से तो सीखा है बिना डरे जीवन जीना
तुम्ही से तो सीखा है दिल की हर मुराद पूरी करना
यूँ तो माँ बाप है मेरे घर में पर
कभी आईने में खुदको मेरी नज़र से देखना
जो कर दिया है तुमने शायद ही कोई करे
माँ बाप भाई से तुम भले
यूँ घर पे संस्कार बहुत सिखाए गए मुझे
पर खुलके जीना सिर्फ बताया तुमने
अगर लिखने बैठ गई तुम्हारी तमाम तरीफोन को
बरस बीत जाएँगे लिखते - लिखते
इसलिए बेहतर यही रुक रही हूँ
पर तरीफोन का काफिला अभी खतम नहीं किया है
नज़र भर भी नहीं देखा था
कि तुम्हारी झलक ने मंज़र बदल दिया है, यूँ तो आशिक है हज़ार पर
तुम्ही को आँखों का काजल बना ल