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Image by Leo Chane

बस अब तुम मेरे दिल में वापस मत आना! (आखरी खत)


आखरी ख़त

यह आख़िरी खत तुम्हारे नाम लिख रहा हूँ । हो सके तो जला देना मग़र अब तुम मेरे दिल में वापस मत आना क्योंकी मैंने जीना सीख लिया है। मैंने जिस हाल में तुम छोड़ कर गई थी उस से काफी ऊँचा उठ चुका हूं बस अब गिरना नही चाहता।

हाँ , सुबह की चाय भी अब खुद बना लेता हूं भले ही शक्कर कम क्यों ना रह जाए , खाना भी बना लेता हूं अब तुम्हारे बिना भले ही हाथ क्यों ना जल जाय, रातों को भी अकेले गुज़ारना अब मेने सीख लिया है। जिन्दगी की राहो पर डटकर खड़ा होना सिख लिया है । जो ख़त हमने लिखे थे उन्हें जला देना मगर अब तुम मेरे दिल में वापस मत आना।

अब तो मेरी माँ भी मुझसे पुछ लेती है बेटा अब तुम्हारी वो दोस्त नही आती में भी बहार से मुस्कराकर अपने गम को अंदर छुपा लेता हूँ।

सोच रही होगी तुम की किसी नशे में चूर होंगे हम गुज़ार रहे होंगे रात किसी महकाने पर मगर नही । हम तो प्यार में गिरे थे। मगर मेरे दोस्तों ने मुझे संभाल लिया। अब किसी और से प्यार करने की इस दिल की हिम्मत नही है।

तुम्हारे साथ बिताए कुछ हसीन पल तुम्हे याद दिलाने थे।उस नदी किनारे जब हम बैठा करते थे। चाँद सितारो को निहारा करते थे। चाँद भी तुम्हारी खूबसूरती को देख कर शरमा जाता था । तुम मुझे अपने दिनभर की गाथा सुनती थी और अपनी थकान को भूल जाया करती थी। में भी तुम्हारे कंधे पर सर रख कर सो जाया करता था । आज भी वो चाँदनी रात मेरे सपनों में खटकती है। मग़र में अपने दिल को अब समझा देता हुँ की अब अकेला रहना सिख लो। क्योंकि तुम्हरी धडकन अब वापस नही आने वाली।

क्या तुम्हे पता है आज में उस चाँद से नज़र नही मिला पाता जिसे कल तक में ललकारा करता था । की देख तुझसे खूबसूरत भी इस दुनिया में कुछ है । मगर आज वो चाँद मुझसे कहता है । क्यों टूट गया ना तेरा गुरूर । में उससे अपनी नजरे चुरा लेता हूँ और अपने गम को छुपा लेता हूँ।

क्या तुम्हे याद है जब तुम मेरी शर्ट का बटन तोड़ दिया करती थी। और में तुमसे उस बटन को लगवाने आया करता था। मुझे पता था तुम जान भुझ कर ऐसा करती थी मगर फिर भी में तुम्हारी उन नादानियों में फस जाया करता था। मुझे याद आज भी वो पल जब तुमने मेरे लिए पहली बार खाना बनाया था। आज भी तुम्हारे हाथों के खाने की खुशबू मुझे याद आती है। याद है मुझे जब में बारिश में भीग कर बीमार हो गया था। मगर तुमने एक पल के लिए भी मुझे अकेला नही छोड़ा था। मगर आज तो तुमने मुझे जिन्दगी भर के लिए अकेला छोड़ दिया। तुमने एक बार मुझसे कहा था की तुम मुझे कभी छोड़कर तो नही जाओगे मेने कहा था ।जीवन का हर पल तुम्हारे साथ साझा करूंगा मगर आज तुम मुझसे और में तुमसे बहुत दूर जा रहा हूँ। शायद ही कभी हमारा मिलन हो । तुम ठीक कहती थी हम दोनो की जोड़ी बिल्कुल राधा कृष्ण जैसी है। जिस तरह कृष्ण का प्रेम अधुरा रह गया और उन्हें राधा नही मिल पायी इसी तरह हमारा प्रेम भी अधुरा रह गया। जिन्दगी का हर पल तेरे साथ साझा करना चाहता था। मगर रास्ते में ही मेने तुम्हारा हाथ छोड़ दिया और तुझे अपने से दूर कर दिया।

अब यह मत सोचना तुम की वो प्यार के पल फिर वापस आ पायेंगे बस जिसके साथ हो तुम खुश रहना अब और याद मत रखना हमे हो सके तो इन यादो को किसी कोने में दफना देना या तो जला देना मगर फिर वापिस इन यादो को अपने दिल के करीब मत आने देना।