मैं अक्सर रास्ता भटक जाता हूँ!

इन नई बस्तियों में,
रोज नए- नए मकान बन रहे है,
और मैं अक्सर रास्ता भटक जाता हूँ।
जब गुज़रता हूँ,
इन तंग गलियों से,
तो कुछ पुराने निशान पीछे छोड़ जाता हूँ,
मगर वो निशान मिटा दिए जाते है,
और मैं रोज़ की तरह रास्ता भटक जाता हूँ।
फिर चार कदम पीछे चल देता हूँ,
और टपरी पर आकर रुक जाता हूँ,
पूछता हूँ उस चाय वाले से,
क्या यह रास्ता मेरे घर की ओर जाता है,
और फिर से अपने घर की खोज में निकल पड़ता हूँ।
इस सोच में डूब जाता हूँ,
काश कोई पुकार ले पीछे से,
और पहँचान ले मुझे,
हर किसी का दरवाजा खट- खटाता हूँ,
और अपनी इकमंजिला इमारत की खोज करता हूँ,
इन नई बस्तियों में,
में अक्सर रास्ता भटक ही जाता हूँ।
- तुषार गोयल
#poetry#hindi#hindipoetry#poetscommunity#life#lifeisbeautiful#lifegoeson#lifelessons#god#godiskind#thistooshallpass#motivation#motivational#motivationalpoem#blog#blogger #alone#broken#brokenbutstrong#braveperspective#life#livelifeonyourterms#magicwithinyou#taughlife#positiveaspect#respectyourself#behappy#bestrong#soreadpositivity