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Image by Leo Chane

मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा रहा!


तुम ना हुए मेरे तो क्या,

मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा रहा।

निगाहों पे तेरी मेरा पहरा रहा,

साथ हमारा,है रूह का,

हर सार मैं अक्स तुम्हारा रहा।

मैं हूं पतंग की तरह,

जिसे तेरी हवा का सहारा रहा,

किताबों में नाम हमारा सुनेहरा रहा,

संदूक में बंद मेरी यादों का पिटारा रहा,

मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा रहा।

जिस्म मेरा गुम है मगर तुझमें कहीं मेरा गुज़ारा रहा,

मेरा होकर भी ना होना गवारा रहा,

दरियों के जैसा ये नाता हमारा रहा,

मेरी सेजल, मैं तेरा धारा रहा,

मैं नज़रिया तेरा,तू मेरा नज़ारा रहा,

ज़माने में नहीं मैं,पर तेरे ख्वाबों में मेरा आना - जाना रहा,

मैं नहीं भी जाहां में,तेरी आदतों पे मेरा इशारा रहा,

अंधेरों में गुम तू, मैं तेरा अंगारा रहा,

मैं तुम्हारा,मैं तुम्हारा,मैं तुम्हारा रहा,

तुम ना हुए मेरे तो क्या,

मैं तुम्हारा, मैं तुम्हारा,मैं तुम्हारा रहा।


-आद्या श्रीवास्तवा

 

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