मैं मिलूं अगर उस पार तुम्हे

मैं मिलूं अगर उस पार तुम्हे,
तो मुझे नज़र अंदाज़ कर्दोगे क्या?
किताब-ए-ज़िंदगी में,
मोहब्बत के पन्ने को राज़ करदोगे क्या?
तुम्हारे जिस्म में कैद है जो खुशबू मेरी करीबी की,
मेरे दिल-ए-गुलाम के साथ उसे भी आज़ाद करदोगे क्या?
तुम्हे मेरा खयाल तो आता होगा,
कुछ सवाल ज़रूर लाता होगा।
मुझे उस खयाल में भी बरबाद करदोगे क्या?
मैं मिलूं अगर उस पार तुम्हे,
तो मुझे नज़र अंदाज़ कर्दोगे क्या?
-वैष्णवी बाजपाई
#hindipoetry#adhurihunmain#pyarkikahani#haledil#khyalonkapyar#pyar#kavita#khudserubaru#shreyashblog#shreyashsharma#blog#writinglove#hindi#hindipoetry#hindipoem#blog#blogger#hindilove#language#love#loving#relationship