सिर्फ किरदार बदल जाते है। तुषार गोयल

कहानी वही रहती है,
सिर्फ किरदार बदल जाते है ।
लोकतंत्र वही रहता है,
सिर्फ सरकार बदल जाती है,
सरकारी तिजोरी के हकदार बदल जाते है ।
परिवार वही रहता है,
सिर्फ घरबार बदल जाता है ।
अखबार वही रहता है,
सिर्फ सुर्खियां बदल जाती है ।
चहरे वही रहते है,
सिर्फ बाते बदल जाती है।
निशानिया वही रहती है,
सिर्फ मुसाफ़िर बदल जाते है ।
कलम और कागज वही रहते है
सिर्फ अल्फ़ाज बदल जाते है ।
इस जिन्दगी में बहुत से
किरदार बदल जाते है ।
-तुषार गोयल
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